वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2024 को पेश किए गए बजट 2024 में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। उन्होंने लिथियम, कोबाल्ट और तांबे सहित 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में छूट की घोषणा की। यह कदम लिथियम-आयन बैटरी के लिए कच्चे माल की लागत को कम करने में मदद करेगा, जिससे ईवी की कीमतें कम होंगी।
यह छूट घरेलू ईवी उत्पादन को बढ़ावा देने और भारत को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में वैश्विक नेता बनाने की सरकार की रणनीति का हिस्सा है। भारत वर्तमान में लिथियम-आयन बैटरी के लिए कच्चे माल पर अत्यधिक निर्भर है, जिनमें से अधिकांश चीन से आयात किए जाते हैं। सीमा शुल्क में छूट से आयात पर निर्भरता कम होगी और घरेलू खनिजों के खनन और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा।
यह कदम निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगा:
- ईवी की कम कीमतें: लिथियम और कोबाल्ट पर सीमा शुल्क में छूट से ईवी बैटरी की लागत में 10-15% तक की कमी आने की उम्मीद है। इससे ईवी की कीमतों में कमी आएगी और वे आम उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती हो जाएंगे।
- बढ़ी हुई बिक्री: ईवी की कम कीमतों से उनकी बिक्री में वृद्धि होने की संभावना है। यह भारत में ईवी उद्योग को बढ़ावा देगा और देश को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर तेजी से आगे बढ़ने में मदद करेगा।
- आत्मनिर्भरता: यह कदम भारत को लिथियम और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद करेगा। इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
- रोजगार सृजन: ईवी उद्योग में वृद्धि से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह देश के युवाओं के लिए रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा।
यह कदम भारत के ईवी उद्योग के लिए एक बड़ा बदलाव है और देश को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में मदद करेगा।
अतिरिक्त जानकारी:
- बजट 2024 में ईवी उद्योग के लिए अन्य घोषणाओं में शामिल हैं:
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए आवंटित 10,000 करोड़ रुपये
- ईवी बैटरी के निर्माण के लिए उत्पादन-संबंधित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई)
- ईवी खरीद पर सब्सिडी
- भारत सरकार ने 2030 तक ईवी को कुल वाहन बिक्री का 30% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
यह कदम भारत को अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और एक अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ने में भी मदद करेगा।